नीम में इतने गुण हैं कि ये कई तरह के रोगों के इलाज में काम आता है। यहाँ तक कि इसको भारत में ‘गांव का दवाखाना’ कहा जाता है। यह अपने औषधीय गुणों की वजह से आयुर्वेदिक मेडिसिन में पिछले चार हजार सालों से भी ज्यादा समय से इस्तेमाल हो रहा है। नीम को संस्कृत में ‘अरिष्ट’ भी कहा जाता है, जिसका मतलब होता है, ‘श्रेष्ठ, पूर्ण और कभी खराब न होने वाला।’
1. मधुमेह से बचाए
डाइयबिटीस एक खरतनाक बीमारी हैं और अनियमित दिनचर्या के कारण इसके मरीज़ो की संख्या लगातार बढ़ रही हैं. ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ने से डाइयबिटीस की बीमारी होती हैं. अगर आप रोजाना नीम का जूस पिएँगे तो आपके ब्लड का शुगर लेवेल नही बढ़ेगा और मधुमेह जैसी बीमारी नही होगी. मधुमेह के रोगी भी नीम का जूस पीकर अपने ब्लड शुगर लेवेल को नॉर्मल कर सकते हैं.
2. खून सॉफ करे
अगर किसी व्यक्ति का खून सॉफ ना हो , तो इसके कारण कई प्रकार की प्रॉब्लम्स होने लगती हैं. शरीर की इम्यूनिटी पावर कमजोर हो जाती हैं और बीमारियो के इन्फेक्षन होने का ख़तरा काफ़ी बढ़ जाता हैं. नीम का पानी एक रक्ताषोधक औषधि हैं. साथ ही कुछ समय तक लगातार नीम के पानी के सेवन से फोड़े-फुंसियो और स्किन से संबधित बीमारियो से छुटकारा मिलता हैं.
3.एलर्जी के लिए नीम
नीम के पत्तों को पीस कर पेस्ट बना लें, उसकी छोटी-सी गोली बना कर सुबह-सुबह खाली पेट शहद में डुबा कर निगल लें। उसके एक घंटे बाद तक कुछ भी न खाएं, जिससे नीम ठीक तरह से आपके सिस्टम से गुजर सके। यह हर प्रकार की एलर्जी – त्वचा की, किसी भोजन से होनेवाली, या किसी और तरह की – में फायदा करता है। आप सारी जिंदगी यह ले सकते हैं, इससे कोई नुकसान नहीं होगा। नीम के छोटे-छोटे कोमल पत्ते थोड़े कम कड़वे होते हैं, वैसे किसी भी तरह के ताजा, हरे पत्तों का इस्तेमाल किया जा सकता है।
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